दोस्तों " हम गद्दार नहीं " को ब्लॉग पर लाते ही तरह तरह की चर्चाये शुरू हो गयी...जितने मुहं उनती बात ....मैं सारे लोगों के सवालों का जवाब एक साथ दे रहा हूँ ...आपको जिस तरह का अहसास हो मुझे जरूर लिखे ...ताकि मुझमे बेहतर करने की ताकत पैदा हो सके ....आप सबसे एक गुजारिश यह भी है , कि इस आन्दोलन में मेरा साथ दे...
मेरा जवाब - दोस्तों शायरी मोहब्बत के सिवा कुछ नहीं ....अच्छे लोगों, इंसानियत से मोहब्बत करो , शायरी तोगडिया के हाथों का त्रिशूल नहीं है ...शायरी रविशंकर के हाथों का सितार है ...शायरी उमा भारती की तक़रीर नहीं ....महादेवी वर्मा की तहरीर है ...लता मंगेशकर की आवाज की तासीर है ...शायरी मोदी का गुजरात नहीं है...मुंशी प्रेम चन्द्र का देहात है...
- आपका अलाउद्दीन
बुधवार, 5 नवंबर 2008
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1 टिप्पणी:
महादेवी और उमा में.फ़र्क नहीं है यार.
हिन्दू संस्कृति की पूजा,करते दोनो यार.
करते हैं सब यार,रहीम-रसखान-कबीरा.
साँई सबका एक-कहो तो तुम भी बीरा.
कह साधक जिनको इस देश में रहना होगा.
वन्दे मातरम ऊँचे स्वर में कहना होगा.
सुनो मियाँ जो तुम नहीं, मिट्टी के गद्दार.
थोङा सा बतला देना, कितना करते प्यार.
करते कितना प्यार,राम-सीता से भैया ?
क्यों करते इन्कार,स्व-मात-पिता से भैय्या.
कह साधक, हम मान सकेंगे अल्ला-मियाँ
तेत्तीस कोटि एक हो गये, मान लो मियाँ.
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